इस ‘धुएं’ ने देश को लगाया 80,550 करोड़ रुपये का चूना

इस ‘धुएं’ ने देश को लगाया 80,550 करोड़ रुपये का चूना

सेहतराग टीम

धूम्रपान जानलेना है, धूम्रपान नहीं विषपान और धूम्रपान पड़ेगा महंगा जैसी लाइनें आप अकसर सिनेमा हॉल, टीवी आदि के पर्दे पर पढ़ते और सुनते रहते होंगे मगर धूम्रपान पड़ेगा महंगा वाली लाइन देश की आर्थिक स्थिति को सचमुच महंगी पड़ गई है।

चौंकिये नहीं, ‘बीड़ी’ पीने के कारण हुई बीमारियों और असामयिक मौत से भारत को वर्ष 2017 में 805.5 अरब यानी 80 हजार 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ये दावा एक नए अध्ययन में किया गया है।

दरअसल पूरी दुनिया भले ही सिगरेट, चुरुट या सिगार की दीवानी हो मगर भारत में तो आज भी बीड़ी का ही जलवा कायम है। भारत में धूम्रपान में इस्‍तेमाल होने वाले तंबाकू का 81 फीसदी हिस्‍सा बीड़ी के रूप में इस्‍तेमाल होता है। दूसरे नंबर पर सिगरेट का स्‍थान है। इस अध्‍ययन के अनुसार देश में 15 साल से ज्यादा उम्र के 7.2 करोड़ लोग बीड़ी पीते हैं।

पत्रिका ‘टोबैको कंट्रोल’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, केरल में ‘सेन्टर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीपीआर) के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक बीड़ी में सामान्य सिगरेट के मुकाबले कम तंबाकू होता है। निकोटिन का स्तर इसमें ज्यादा होता है। बीड़ी चूंकि बेहद धीरे-धीरे जलती है। ऐसे में उसे पीने वाले व्यक्ति के शरीर में ज्यादा रसायन प्रवेश कर जाता है।

बीड़ी पीने से कई तरह के कैंसर, क्षयरोग और फेफड़े संबंधी बीमारियां होती हैं। इसके बावजूद बीड़ी पर सिगरेट के मुकाबले बहुत कम कर लगता है। भारत में कभी भी बीड़ी पीने से होने वाले आर्थिक नुकसान का आकलन नहीं किया गया है। आर्थिक नफा-नुकसान के संबंध में किए गए पहले अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि बीमारियों और असामयिक मौत से भारत को 805.5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।

सीधे खर्च जैसे, मेडिकल जांच, दवाएं, डॉक्टर की फीस, अस्पताल का खर्च, आना-जाना आदि मिलाकर करीब 168.7 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं अप्रत्यक्ष खर्च जैसे, रिश्तेदारों के रहने और देखभाल तथा आय जरिया बंद होने से 811.2 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।

परेशान करने वाली बात ये हैं कि ये आर्थिक नुकसान समाज के सबसे निचले तबके के लोगों का हुआ है क्‍योंकि बीड़ी के सबसे बड़े उपभोक्‍ता वही लोग हैं। पत्‍ते में लिपटी तंबाकू की नली बेहद सस्‍ती होने के कारण ये वर्ग आसानी से इसका शिकार होता है। दूसरी ओर पैसे वाले लोग सिगरेट की ओर मुड़ते हैं।

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